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CG Breaking News आबकारी विभाग में अलर्ट कामंडो कंपनी के जय/वीरू की जोड़ी,,तंखा महज 30 से 40 हजार पर बन गए लखपति,,क्या बिलासपुर आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर हो हो रही लाखों हेरा

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बिलासपुर आबकारी विभाग में अलर्ट कामंडो कंपनी के जय/वीरू की जोड़ी,,तंखा महज 30 से 40 हजार पर बन गए लखपति,,क्या बिलासपुर आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर हो हो रही लाखों हेरा फेरी?

 

क्या बिलासपुर आबकारी विभाग में हो रहा बड़ा झोल झाल, क्या अलर्ट कामंडो और आबकारी की मिली भगत से नियमविरुध की जा रही भरती? 30 से 40 हजार की तंखा पाने वाले बन गए लखपति कौन है इन सबका मास्टरमाइंड..?

 

बिलासपुर :  वैसे तो जिले का आबकारी विभाग किसी न किसी वजह से सुखियों में रहता है। पर इस बार सूत्र से जो जानकारी मिल रही है वो काफी चौकाने वाली है,सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले में अलर्ट कमांडो कम्पनी आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियों से मिली भगत कर युवाओं को नौकरी पर रखने के लिए बड़ी रकम वसूल कर रही है। जिसके बाद उन्हें तंखा भी नहीं दी जाती है। इतना ही नहीं सूत्र बता रहे है की इससे भी बड़ा खेल बिलासपुर आबकारी और अलर्ट कमांडो कम्पनी खेल रही है।

 

जिसमे महज 30 से 40 हजार महीना पाने वाले वेंकट रावला और आशीष मिश्रा जो बिलासपुर जिले के अलर्ट कमांडो कंपनी में कॉर्डिनेटर और फील्ड ऑफिसर है। इसके पास लाखों की सम्पत्ति है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर में करीब 40 लाख का फ्लैट और अलग अलग राज्यों चल अचल संपत्ति के मालिक बन के बैठे है। क्या इतनी पेमेंट में कोई लखपति बन सकता है। ये एक बड़ा सवाल है। सूत्रों की माने तो वेंकट और आशीष आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियों से साठ गांठ कर नियम विरुद्ध भरती कर लाखों रुपए का वारा न्यारा का रहे है।

क्या कहता है नियम

नियम के मुताबिक अगर कोई सुपरवाइजर शराब में मिलावट करते या पैसों में हेरा फेरी करते पाया जाता है तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है, जिसे दुबारा नौकरी पर नही रखा जा सकता, पर जहां जय और वीरू की जोड़ी हो तो फिर नियम कायदों की धज्जियां उड़ना तो लाजमी है। सूत्र बताते है की वेंकट रावला और आशीष मिश्रा दुबारा नौकरी में रखने के लिए एक से डेढ़ लाख रु लेते है। जिसमे आबकारी का भी कमीशन होता है।

आपको बता दें रूपेश लूनिया जो की बंधवा पारा का सुपरवाइजर था, जिसे शराब में मिलावट करते पकड़ा गया था, जिसके बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया, पर जय और वीरू की जोड़ी का कमाल तो देखिए की रूपेश लूनिया को दिनांक 15/02/24 को मोटी रकम ले कर फिर से नौकरी पर रख लिया गया। इतना ही नहीं राजू कश्यप जो की विदेशी लिंगियाडीह शराब भट्टी का सुपर वाइजर था उसके ऊपर भी सन 2022 में शराब मिक्सिंग का केस बना था, जिसे भी वापस नौकरी में रख लिया गया।

क्या पता वेंकट रावला और आशीष मिश्रा कितने लोगों से पैसे लेकर शराब में मिलावट करा कर कमीशन ले रहे है। 

 

शराब में मिलावट करने का खेल? मिलावट बाजों को फिर मिली नौकरी

 

सूत्रों की माने तो वेंकट रावला और आशीष मिश्रा शराब में मिलावट करने वालों से कमीशन लेकर उन्हें खुली छूट दे रखी है, पर लागत है की जिले के आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी टेबल के नीचे से पैसे लेकर तमाशा देख रहे है।

 

प्रदेश में जबसे सरकार द्वारा प्लेसमेंट कंपनी के माध्यम से शराब बेचना शुरू किया है तब से आबकारी विभाग को चुना लग रहा है। आपको बता दें प्रदेश में शराब बिकवाने वाली अलर्ट कामंडो प्लेसमेंट कंपनी आबकारी विभाग की आए में सेंधमारी कर रही कर चुकी है, सन 2020 प्लेसमेंट कंपनी अलर्ट कमांडो के प्रबंधन को आबकारी विभाग की ऑडिट टीम ने शराब के 24 लाख रुपये के गोलमाल के मामले में पकड़ा था।

 

ये मामला पंडरी बस स्टैंड स्थित शराब दुकान का था। सेल्स मैनेजर और कर्मचारियों ने शराब बेचने के बाद पैसे नहीं जमा किए थे।वही सन 2020 में अलर्ट कामंडो लगभग 50 लाख का हिसाब देने में नाकाम रही थी, इसके बाद भी आबकारी विभाग अलर्ट कमांडो कंपनी पर मेहरबान है।जबकि टेंडर के नियम और शर्तों के अनुसार अगर प्लेसमेंट कंपनी शराब की बिक्री में कोई अनियमितता करती है तो उस पर ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन इस नियम को दरकिनार कर आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कंपनी को रुपये की हेराफेरी करने की खुली छूट दे दी है?

मनमोहन पात्रे संपादक The YWN News

2017 से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत, दैनिक अखबार, सेटेलाइट न्यूज़ चैनल, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका में कार्य करने का अनुभव B. Sc. Mathematics व पत्रकारिता में BJMC कि डिग्री। Journalist Manmohan Patre Chhattisgarh

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