एमसीबी। लोकसभा चुनाव 2024 को ले कर दोनों पार्टियों के बीच बयानबाजी की जंग शुरू हो गई है, जहां छत्तीसगढ़ की पुर्व राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी की तेज़ तर्रार प्रत्याशी सरोज पांडेय ने ज्योत्सना महंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ़ चरणदास महंत ने भी बयान दिया है कि ज्योत्सना महंत को ले कर वो जो तमाम प्रश्न खड़े कर रहे हैं यदि सिद्ध कर दें तो वो ज्योत्सना महंत को चुनाव लड़वाना बंद कर देंगे।
पूरा मामला कुछ इस तरह से है कि कोरबा लोकसभा सीट से प्रत्याशी सरोज पांडेय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर बड़ा बयान दे दिया, राजनांदगांव सीट पर चुनाव को लेकर किए गए सवाल पर सरोज पांडेय ने कहा कि हारे हुए व्यक्ति के बारे मे क्या पूछते हैं। राजनांदगाव सीट से भारतीय जनता पार्टी जीतेगी, साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कोई टक्कर में नहीं है, कांग्रेस कहीं नहीं, कांग्रेस हताश है, कांग्रेस सुन पर है, कांग्रेस अपने आपको खोज रही है, कांग्रेस कहीं दिखाई नहीं देती, कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं दिखते हैं, कांग्रेस के नेता अपने बुद्धि का दिवाला निकल चुके हैं, बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं।
ज्योत्सना महंत पर निशाना साधते हुए कहा कि पत्रकारों के सवाल पर चरणदास महंत का कहना है अगर आरोप सिद्ध करदे तो मैं चुनाव लड़वाना छोड़ दूंगा जिस पर सरोज पांडये ने कहा कि चुनाव लड़वाये यह मेरा विषय थोड़ी न है, महंत जी निश्चित तौरपर ज्योसतना महंत जी का जो दायित्व था उन्होंने उसका निर्वहन सही ढंग से नहीं किया ज्योसतना महंत जी को जवाब देना चाहिए की उनके कार्य काल में जो डीएमएफ फंड था उसमे दोनों कलेक्टर जेल में क्यों गए? कोयले का घोटाला क्यों हुआ और कोयला घोटाले में वो यहां की जनप्रतिनिधि थीं, क्या वह शामिल नहीं हैं? यह सबको प्रमाणित करने की बात नहीं हैं यह बात प्रश्न चिन्ह की है और मैं प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही हूँ, और मैं बराबर इसमें प्रश्न चिन्ह खड़ा करती रहूंगी की क्षेत्र के जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका क्या दायित्व था जब जन धोटाले हो रहा था DMF का तो वह चुप क्यों रही? उनके मंत्री उनके साथ के मंत्री जब उस विषय को बार बार इंगित कर रहे थे तो संसाद चुप क्यों थीं? क्या यह चुप्पी रहस्यमय नहीं है? क्या यह इस बात की ओर इशारा नही करती है? चरण दास महंत जी राजनीति में बहोत पुराने है इसमें प्रमाण करने का विषय नहीं है।
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