भुमि को लीज में एस ई सी एल प्रबंधन ने लिया, कार्यवाही के लिए ज़िम्मेदारी आखिर वन विभाग की कैसे?
चिरमिरी। कोएला उत्खनन के कालाबाजारी को ले कर सियासी जंग सी छिड़ गई है, जहां आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला अब गरमाते नज़र आ रहा है, वन विभाग की भुमि को एस ई सी एल ने लीज पर लिया है, जिस भुमि में कोएला का अवैद्य उत्खनन निरंतर जारी है, यदि भुमि लीज पर ली गई है, जिससे स्पष्ट होता है कि उस भुमि का मालिकाना हक वन विभाग का ना हो कर एस ई सी एल प्रबंधन का है और उस भुमि में किसी भी तरह की अनियमितता या अवैद्य कारोबार संचालित होने पर ज़िम्मेदारी भी एस ई सी एल प्रबंधन को लेनी चाहिए, जहां दूर दूर तक वन विभाग के लापरवाहियों का सवाल ही खड़े नहीं होता?
इस सम्पूर्ण मामले में जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी के पुर्व महापौर के. डमरू रेड्डी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्वास्थ मंत्री एवं विधानसभा मनेंद्रगढ़ के विधायक श्याम बिहारी जयसवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए कि यदि क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री इस अवैद्य कारोबारों एवं कारोबारियों को संरक्षण नहीं दे रहे हैं तब क्यों इन अवैद्य कारोबारों के विरुद्ध मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल सख़्त कार्यवाही करने को ले कर कोई टिप्पणी नहीं दे रहे हैं और क्यों चुप्पी साधे हैं? यदि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जयसवाल इन मामलों में संलिप्त नहीं हैं तो इसके विरुद्ध अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें?
दूसरी तरफ़ इस बयानबाजी के खेल को जारी रखते हुए भाजपा ने भी कांग्रेस पार्टी के आरोपों को ग़लत और निराधार बताते हुए कांग्रेस पर जबरदस्त पलटवार किया है, भारतीय जनता पार्टी के चिरमिरी शहर के मंडल अध्यक्ष डमरू बेहरा ने विपक्षी दल के नेताओं से मिडिया के माध्यम से उनके द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर जवाब दिया कि “जिस तरह से कांग्रेस पार्टी के नेता छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और क्षेत्र के यशस्वी विधायक श्याम बिहारी जयसवाल पर निराधार आरोप लगा रहे हैं और पुछ रहे हैं कि क्या इस पूरे अवैद्य कारोबार के संचालित होने के पीछे शासन प्रशासन की मिलीभगत है? इसका ज़्यादा तजुर्बा तो आरोप लगाने वाले लोगों को और उनकी पार्टी को होगा, के. डमरू रेड्डी बड़े नेता हैं तो उन्हें अनुभव भी ज़्यादा होगा, क्योंकि इससे पहले छत्तीसगढ़ प्रदेश में तो सरकार कांग्रेस पार्टी की थी, जिस दौरान बड़े बड़े मशीनों से जेसीबी से कोएला निकाला जाता था और खुलेआम कोएला कबाड़ सट्टा का कारोबार किया जाता था, मगर उस समयकाल में किसी तरह का कोई रोकथाम यदि नहीं किया जाता था जो कि यह साबित करता है कि उनके कार्यकाल में सेटिंग काफी अच्छी थी। उनको मैं बताना चाहूंगा कि मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने जिस दिन शपथ ग्रहण किया उसी दिन खुले मंच से यह बात भी मिडिया के माध्यम से जनता के सामने स्पष्ट किया था कि भाजपा के शासन में चिरमिरी शहर में किसी भी तरह का अवैद्य कारोबार संचालित नहीं होगा और यदि इसकी खबर मिलती है तब प्रशासन को खुला छूट दे दिया गया है कि इन अवैद्य कारोबारों पर शासन प्रतिबंध लगाने के लिए हर प्रकार का सख़्त रवैया अपनाते हुए कार्यवाही को अंजाम दे, और बीते छह माह में प्रशासन ने कोएला और कबाड़ के विरुद्ध कई सफल कार्यवाहियों को अंजाम दिया भी है, इसका प्रमाण भी मिडिया ने खबरों के माध्यम से सबके समक्ष समय समय पर रखा भी है।” मंगल अध्यक्ष डमरू बेहरा ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि “स्वाभाविक सी बात है, अभी सामने नगरीय निकाय चुनाव है, और कुर्सी की लालसा तो सभी को होती है, कांग्रेस के शासन काल में जिन लोगों ने चुप्पी साध रखी थी और उंकू चुप्पी के पीछे कहीं न कहीं शायद एक सफल सेटिंग उनके चुप्पी साधने का एक मुख्य कारण था, उन्हें क्षेत्र में संचालित अवैद्य कारोबार आज नज़र आ रहे हैं, और जनता के सामने ये वही लोग हैं, भाजपा पर प्रश्नचिह्न खड़े कर रहे हैं, जिनके समयकाल में अवैद्य कारोबारियों ने खूब माल कमाया, खुद भी खाया उन्हें भी खिलाया, जो यहां की जनता से छुपा नहीं है और इसी वजह से यहां की जनता ने पुर्व में शासन कर रहे कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहा।”
मगर इस बयानबाजी के बीच, क्षेत्र में चल रहे अवैद्य कारोबारों पर आगे किस तरह से अंकुश लगेगा और प्रशासन के हाथों शहर के और कितने अवैद्य कारोबारियों के काले धंधे बंद किए जाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा?
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