स्वास्थ के प्रति सरकार का अनुपम प्रयास…आयुष स्वास्थ्य मेला में 432 मरीजों का हुआ निःशुल्क इलाज…
Bilaspur Chhattisgarh News
बिलासपुर जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ यशपाल सिंह ध्रुव के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत गोंदईया, वि ख बिल्हा में विकास खण्ड स्तरीय आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया गया। मेले का शुभारंभ जनपद सदस्य दिलहरन साहू एवं सरपंच संतोष केवट ने भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना कर किया। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ कुमुदिनी पटेल एमडी कायचिकित्सा ने स्वागत भाषण में आयुष विभाग की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आम जनता को ज्यादा से ज्यादा आयुष पद्धति द्वारा लाभ देना है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) एवम आयुष ग्राम के योजनाओं से आम जनता को अवगत कराया। शिविर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु 350 रोगियों को काढ़ा वितरण किया गया। शिविर में वात रोग, आमवात,उदर रोग,ज्वर, कास प्रतिश्याय, श्वास, अर्श, भगंदर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, स्त्री रोग, पांडू रोग, नेत्र, कर्ण इत्यादि रोग का इलाज किया गया। मौसमी बीमारी के लिए जागरूक करते हुए ऋतु अनुसार लोगों को खान पान आहार विहार, पथ्य अपथ्य,दिनचर्या ऋतु चर्या के बारे में जानकारी दी गई।
शिविर में 432 लोगों का इलाज किया गया जिसमें 130 लोगों का रक्त परीक्षण किया गया।
शिविर में डॉ कोमल डोटे, डॉ राजेश दुबे, डॉ रश्मि जितपुरे, डॉ.गरिमा पटेल, डॉ पूजा पाटले, फार्मासिस्ट लक्ष्मी कुमार साहू, खिलेश्वर प्रसाद, सुरेंद्र अज़गले, किशुन लाल धु्रव, औषधालय सेवक सत्यप्रकाश माथुर, राजकुमार दुबे, श्रीमती हेलन बाई इंदुवा, पी टी एस कुशल प्रसाद यादव ने अपनी सेवाएं दी। डॉ कुमुदिनी पटेल ने मंच संचालन करते हुए सभी जनप्रतिनिधि एवम ग्रामीण जनों का सहयोग के लिए आभार प्रकट किया।
वही बिलासपुर को मोतियाबिंद मुक्त जिला घोषित करने की तैयारी…
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला बिलासपुर में मार्च 2024 की स्थिति में कुल 524 दोनों आंखों से मोतियाबिंद के सभी मरीजों का सफलतापूर्वक निःशुल्क ऑपरेशन किया गया है। सीएमएचओ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिले को दोनों आंखों से मोतियाबिंद की सूची नेत्र सहायक अधिकारियो द्वारा प्राप्त हुई है। इसके बाद जिला बिलासपुर को दोनों आंखों से मोतियाबिंद मुक्त जिला घोषित किया जाना है। जिले को दोनो आंखों से मोतियाबिंद मुक्त ग्राम सरपंच, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, सेक्शन प्रभारी/सेक्टर प्रभारी, नेत्र सहायक अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से पूर्व में मोतियाबिंद मुक्त ग्राम का प्रमाण पत्र लिया गया था। वर्तमान मे मोतियाबिंद मुक्त ग्राम का प्रमाण पत्र पुनः लिया जा रहा है।
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