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रेंजर मनेंद्रगढ़ की निष्क्रियता और वन कर्मियों के निकम्मेपन से कट गए रतौरा पश्चिम के सागौन प्लांटेशन?

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रेंजर की लापरवाही का गजब मंजर , रतौरा सर्किल के सारे कंपार्टमेंट हो गए अतिक्रमण के शिकार?

मनेंद्रगढ़। वन मंडल मनेंद्रगढ़ के वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ का रतौरा सर्किल जहा के रोकड़ा पश्चिम के सागौन प्लांटेशन की अवैध कटाई जोरो पर है जहां पर वर्तमान में सागौन और अन्य प्रजाति के लगभग सैकड़ों युवा वृक्षों की अवैध कटाई की जा चुकी है । और जो कटाई वर्तमान में भी जारी है । लोगों ने बताया की उक्त क्षेत्र में वन कर्मियों द्वारा कई महीनो से जंगल का भ्रमण नही किया गया है ।  जब निर्माण कार्य होता है तब वह भी एक चिन्हित क्षेत्र में वन विभाग के लोग आते हैं। और इतना ही नहीं बीते एक वर्ष में रतौरा सर्किल अंतर्गत कक्ष क्रमांक 736,749,744,745 सहित कई कक्ष क्रमांक में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है जिसकी सूचना वन विभाग को कई बार दी गई लेकिन वन विभाग के अधिकारी और रेंजर क्षेत्र का जांच करना भी उचित नहीं समझे इसी कारण बेरोक टोक लोग जंगल कटे और वन भूमि पर कब्जा हुआ । हमारे द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान कुछ ऐसे भी सूत्र मिले जिनमें इतना तक स्पष्ट हुआ की उक्त सर्किल के डिप्टी रेंजर व बीट प्रभारी द्वारा लोगों से पैसा लेकर यह कहते हुए अतिक्रमण कराया गया की कब्जा करलो कोई कुछ नहीं बोलेगा और बाद में पट्टा तो बन ही जायेगा । और लोगों ने थोक के भाव पैसा दिया और वनभूमि पर कब्जा किया । और जिसका नतीजा यह देखने को मिल रहा की लोग वनभूमि में अतिक्रमण तो कर ही रहे हैं साथ ही वनों को भी लगातार बड़ी क्षति पहुंचा रहे हैं और रेंजर सहित डी एफ ओ मनेंद्रगढ़ और रेंज के वनकर्मी कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं। आपको बता दें की रेंजर मनेंद्रगढ़ रामसागर कुर्रे जिनका रिटायरमेंट कुछ ही वर्ष बचा है उम्रदराज होने के नाते वह शारीरिक रूप से भी हमेशा अस्वस्थ रहते हैं।जिस कारण उन्हें दोनो रेंज मुख्यालय से अपने निज निवास बैकुंठपुर करीब 80,90 किलोमीटर रोज आना जाना पड़ता है।साथ ही उनके रेंजरशिप के बीते कई वर्षों के कार्यकाल में जंगलों की कटाई और वनभूमि पर अवैध कब्जा का ग्राफ हद से पार रहा है और जिन बातो और लापरवाहियों के लिए सोशल मीडिया और विभाग में जगजाहिर रहे हैं। बता दें इसके बावजूद भी वन विभाग के अधिकारियों द्वारा इन्हे दूसरे रेंज का अतिरिक्त प्रभार देना जंगल हित में कितना सार्थक हो सकता है सोचने की बात है।

वन विभाग की ऐसी खुली छूट की आवर्ती चराई और गौठान भी अतिक्रमण की जद में

मनेंद्रगढ़ रेंज के रतौरा सर्किल में अवैध कब्जा धारियों को शायद  रेंजर मनेंद्रगढ़ की ऐसी खुली छूट मिली है की लोग प्रदेश के पूर्व सरकार की अहम योजना नरवा गरुआ और बाड़ी  के तहत रोकड़ा पश्चिम कक्ष क्रमांक 749 में आवर्ती चराई और गौठान में  अवैध कब्जाधारी धावा बोलते हुए पूरे गौठान को तोड़ फोड़कर तहस नहस कर चुके हैं साथ ही आवर्ती चराई क्षेत्र में भी जमकर पेड़ों को काटा जा रहा है । हमने रेंजर को इसलिए इस बात का जिम्मेदार ठहराया है क्यू की इनके दोनो वन परिक्षेत्र केल्हारी और मनेंद्रगढ़ की जमीनी सच्चाई को बार बार मीडिया के माध्यम से अवगत कराते रहने के बाद भी उक्त रेंजर के कान में जूं तक नहीं रेंगती और इनकी इसी निष्क्रियता और हठधर्मिता से जंगल पूरी तरह बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।

देबाशीष गांगुली ( ब्यूरो प्रमुख सरगुजा संभाग )

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