चिरमिरी। वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में भारत दुनिया में कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, कोयला उत्पादन कार्य जो कि एक तरह से राष्ट्रहित के लिए भी किया जाने वाला कार्य है, जिसे ले कर भारत के कर्मठ एवं देशहित के लिए तत्परता से कार्य करने वाले वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोएले के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए हर संभव प्रयास करते नज़र आ रहे हैं, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और कोयला मंत्रालय के दिन रात की मेहनत का सफल परिणाम इन दिनों देखने को भी मिला है जहां वर्तमान सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, सतत निवेश कार्यक्रम एवं आधुनिक प्रौद्योगिकियों को लागू करने पर व्यापक रूप से बल देते हुए कोयले के अखिल भारत उत्पादन को वर्ष 2022-23 में 893.19 मिलियन टन (अनंतिम) तक बढ़ाना संभव हो पाया है। वर्ष 2023-24 के दौरान कोयले का अखिल भारत उत्पादन 11.65% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 997.25 मि. ट. था। कुछ इसी तरह काले हीरे की नगरी के नाम से देश भर में प्रसिद्ध चिरमिरी हिल स्टेशन, जहां कई लंबे समय से एस ई सी एल मिनी रत्न कंपनी कोएला उत्पादन कार्य करते आई है। मगर कुछ वर्षों से यहां की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति रही है कि चिरमिरी शहर में रोजगार ना होने से यहां के स्थानीय लोग यहां से पलायन करने के लिए बाध्य हो चुके हैं, कारण भी स्पष्ट है कि यहां की कई खदानों के बंद हो जाने से ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं। जहां की नींव ही कोएला जैसे कीमती खनिज पदार्थ है, जिसके उत्पादन एवं व्यवसाय से चिरमिरी के स्थानीय परिवारों की रोजी रोटी कई लंबे समय चलते आई है, जिसे ले कर जहां एक तरफ भारत सरकार प्रयासरत है कि किस तरह से इसका उत्पादन बढ़े और लोगों को भी रोजगार मिल सके, मगर विशेष सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसी खबरें मिल रही हैं कि हाल ही में ऐसे जनहित के मसलों से और चिरमिरी शहर के स्थायित्व जैसे गंभीर विषय से हट कर और लोगों का ध्यान भटका कर कुछ लोगों द्वारा इस पर भी राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं, जहां एक तरफ चिरमिरी शहर में कई बंद पड़ी खदानों के पुनः संचालन के लिए सरकार कोशिशें कर रही हैं और कई प्राइवेट कंपनियों के कदम चिरमिरी शहर में पड़ने लगे हैं, जिनके कोएला उत्पादन कार्य से लोगों के लिए भी रोजगार की संभावनाएं बढ़ने लगी हैं, जहां शुन्य से उठ कर अब यही शहर चिरमिरी शुरूआती दौर में अपने लोगों को जीवनयापन के लिए रोजगार के सुनहरे अवसर दे रही है, मगर लोगों को प्रोत्साहित करने की बजाय उनको भड़काया जा रहा है। अभी हाल ही में चिरमिरी शहर में कृष्णा ट्रेडर्स नाम की प्राइवेट कंपनी ने कोएला उत्पादन के उद्देश्य से यहां अपने कदम रखे हैं, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। मगर कुछ दिनों से यहां काम कर रहे मजदूरों द्वारा वेतन बढ़ाने की मांगों को ले कर हड़ताल किया जा रहा है। बड़े बुजुर्ग कहते आए हैं कि आधी अधूरी जानकारी घातक होती है, इसी बात पर गंभीरता से चिंतन करते हुए जब इसकी पूरी जानकारी एकत्रित की गई तब कुछ एहम तथ्यों से पर्दा उठाना मुमकिन हो सका। बताया जा रहा है कि कृष्णा ट्रेडर्स कंपनी में काम कर रहे मजदूरों को जो वेतन भुगतान किया जा रहा था, असल में कृष्णा ट्रेडर्स के मुकाबले वहीं के आस पास के क्षेत्रों में कोएला उत्पादन कार्य कर रही यहां की ही अन्य प्राइवेट कंपनियों द्वारा अपने मजदूरों कर्मचारियों का वेतन भुगतान काफी कम है, मगर कृष्णा ट्रेडर्स कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार यहां के मजदूरों की मांगों को देखते हुए वेतन में वृद्धि की गई, मगर इसके बावजूद मजदूरों की वेतन वृद्धि की मांगें अब और बढ़ गई हैं, जिसे लेकर चल रहे हड़ताल के परिणामस्वरूप यहां कोएला उत्पादन कार्य विगत क कई दिनों से बंद पड़ चुका है। राष्ट्रहित कार्य में अटकलें आना मतलब पूरे देश को नुक्सान का सामना करना पड़ता है, जिसे यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी समझना होगा। गुप्त सुत्रों से मिली जानकारी के आधार पर यह बताया जा रहा है कि यहां काम कर रहे मजदूरों को कुछ स्थानीय लोगों द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश के यशस्वी स्वास्थ्य मंत्री और विधानसभा मनेंद्रगढ़ के विधायक श्याम बिहारी जयसवाल जो खुद इसी क्षेत्र के निवासी हैं और चिरमिरी को जिन्होंने अपना परिवार कहा है, जब मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल सत्ता में नहीं थे तब भी और आज जब वे मंत्री बन चुके हैं तब भी, उनके द्वारा सदैव चिरमिरी शहर के उत्थान के लिए बिना किसी संकोच के तत्परता से कार्य किया गया आंदोलन किए गए जिससे कि चिरमिरी शहर के स्थायित्व में जान आ सके, मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल जिन्हें यहां के लोगों के सुख दुख के साथी भी माना गया है, जिनके छवि को धूमिल करने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा उनका ही नाम लेते हुए कृष्ण ट्रेडर्स कंपनी पर दबाव बनाया जा रहा है, वेतन वृद्धि के लिए कृष्णा ट्रेडर्स प्राइवेट कंपनी तैयार हो चुकी थी मगर मजदूरों के वेतन में जितनी वृद्ध कंपनी द्वारा की गई उससे असंतुष्ट हो कर मजदूरों द्वारा आंदोलन को निरंतर जारी रखा जा रहा है, जिससे परिस्थितियां अब कोयला उत्पादन को ले कर विपरीत प्रभाव डालते नज़र आ रही हैं। जिससे अन्य प्राइवेट कंपनियों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता नज़र आ रहा है, जिससे यहां अन्य कंपनियां अब काम करने से कतराते नज़र आ रही हैं, इस पर नुकसान चिरमिरी शहर को यहां के लोगों को और तो और पूरे राष्ट्र को भी होगा, इसी बात को यदि लोगों के ज़हन में उतर जाए तो सबका साथ सबका विकास जैसे रीति नीति में सफलता मिलेगी। मगर अब आगे देखने वाली बात यह है कि इन सभी मसलों का समाधान कब तक और कैसे किया जाता है और इस पर छत्तीसगढ़ प्रदेश के यशस्वी स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल की क्या प्रतिक्रिया मिलती है?
ठेकेदार के बढ़ाए वेतन पर मजदूरों में असंतोष अब भी बरकरार, जितने की थी मांग, अब उससे ऊपर भी की जाए वृद्धि: सुत्र … ऐसे में कैसे होगा चिरमिरी शहर का विकास?

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