एमसीबी। वन मंडल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र बहरासी से एक ताज़ा मामला सामने देखने को मिला है जहां विगत दिनों पुर्व वन परिक्षेत्र बहरासी के रेंजर इंद्रभान पटेल के सख्त निर्देशों का पालन करते हुए वन परिक्षेत्र बहरासी के बड़वार सर्किल में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे अवैद्य अतिक्रमण पर उन्हें समझाईश देते हुए वन भुमि से अवैद्य कब्जा हटवाया गया। स्वाभाविक सी बात है, वन परिक्षेत्र बहरासी के द्वारा कार्यवाही ना किए जाने पर अखबारों के सुर्खियों में खबरें यही देखीं जाती कि वन विभाग की निष्क्रियता का ऐसा आलम है कि वन विभाग अपने वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण पर रोकथाम करने में असमर्थ हैं,
मगर सच्चाई तो सामने यही देखने को मिल रही है कि वन परिक्षेत्र बहरासी में वन संरक्षण के कार्य और कार्यवाहियां निरंतर जारी हैं।
वन परिक्षेत्र बहरासी के बड़वार सर्किल में अवैद्य अतिक्रमण कर रहे लोगों से जब चर्चा की गई तब उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि अवैद्य कब्जा हटाने आए वनकर्मियों ने वहां के लोगों से नियमविरुद्ध मार पीट की और उन्हें आपत्तिजनक बातें भी कहीं गईं, यह कहां तक सही है या ग़लत इसकी जानकारी लेने के लिए जब वन परिक्षेत्र बहरासी के रेंजर इंद्रभान पटेल से इस विषय पर चर्चा की गई तब उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए सम्पूर्ण जानकारी दी कि उनके संज्ञान में जब इस अवैद्य अतिक्रमण की खबर आई तब उन्होंने वन मंडल मनेंद्रगढ़ के डीएफओ मनीष कश्यप को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद वन मंडलाधिकारी मनीष कश्यप ने बहरासी के रेंजर को इस मामले में किसी भी तरह का कोई समझौता ना करते हुए इस पर गंभीरता बरतने और तत्काल कार्यवाही करने के आदेश दिए। जिसके बाद रेंजर इंद्रभान पटेल ने उचित निर्णय लेते हुए अपने क्षेत्र के वनकर्मियों को मौके पर पहुंच कर कार्यवाही करने के आदेश दिए, जहां अवैद्य कब्जा कर रहे लोगों ने अपनी गलती स्वीकार की और वन विभाग के आदेशों का पालन किया। रेंजर इंद्रभान पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि ठीक उसके अगले दिन वहां के कुछ असमाजिक तत्वों ने अपनी गलतियों को स्वीकार ना करते हुए इस घटना को अंजाम दे रहे संलिप्त ग्रामीणों को वन विभाग के विरूद्ध भड़काया गया, बहकाया गया और वन भुमि पर अवैद्य रूप से अतिक्रमण को हटाने आए वन विभाग के कर्मचारियों पर निराधार, झूठे और बेबुनियादी आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए, ये वही अवैद्य कब्जाधारी थे जिन्होंने वन भूमि पर अवैद्य अतिक्रमण करने का प्रयास किया था मगर निजी स्वार्थ को पूरा करने के उद्देश्य से अब ये कब्जाधारी उल्टा वन विभाग को ही दोषी ठहराने में लग गए और झूठे आरोप लगाने का प्रयास करने लग गए, रेंजर इंद्रभान पटेल ने अपनी बात रखते हुए आगे बताया कि यह तो अच्छा हुआ कि अवैद्य अतिक्रमण को हटाने गए वन विभाग की टीम में महिला स्टाफ भी मौके पर मौजूद थीं, नहीं तो वहां के कब्जाधारियों द्वारा वन विभाग पर और भी गंभीर आरोप लगाए जा सकते थे, जब शासन प्रशासन के एवं अपने विभाग के उच्च अधिकारियों का निर्देश पालन करने की बात आती है तब परिस्थितियां तो विभाग के विपरित तो होंगी ही, रेंजर के कंधों पर उनके परिक्षेत्र की जिम्मेदारी भी है और लोगों को नियम कायदों की जानकारी देने पर जब उनके मन के स्वार्थ के उद्देश्यों के विरुद्ध कार्य हों और उनका निजी स्वार्थ पूरा नहीं होता तो असंतुष्ट ग्रामीणों द्वारा किसी ना किसी तरह विरोध किया जाता है और वन विभाग को नियम कायदों का भी ध्यान रखना होता है, जंगलों का भी ध्यान रखना होता है और जंगलों के इर्द गिर्द रह रहे लोगों का भी। इतनी सी बात अगर लोग समझ पाते तो वन विभाग को रोज़मर्रा के विभागीय कर्तव्यों को निभाने में इतनी मशक्कत करनी ही नहीं पड़ती। रेंजर इंद्रभान पटेल ने बताया कि फिलहाल अवैद्य अतिक्रमण को वन भूमि से खाली करवाया गया है और परिस्थितियां वन विभाग के नियंत्रण में है, यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा जबरदस्ती वन भूमि पर कब्जा किया जाएगा या जंगलों को हानि पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा ऐसे में संलिप्त लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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