वहीं थाना प्रभारी ने उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। नायब तहसीलदार का नाम पुष्पेंद्र मिश्रा है। वो बस्तर में पदस्थ हैं, अपनी शिकायत में नायब तहसीलदार ने कहा है कि वो स्टेशन देर रात करीब 2 बजे अपने घर जा रहे थे, तभी दो आरक्षकों ने उन्हें रोक दिया। अंधेरा होने की वजह से उन्होंने दूर में गाड़ी रोकी। इतने में आरक्षक गाली-गलौज करने लगे। तहसीलदार पुष्पेंद्र मिश्रा ने उन्हें परिचय दिया फिर भी दुर्व्यवहार करते हुए उन्होंने 112 को बुलाया। पिता व भाई को घर भेज दिया और पुष्पेंद्र मिश्रा को गाड़ी में बिठाकर थाने ले गए। नायब तहसीलदार का आरोप है कि टीआई ने गाली गलौज करते हुए मजिस्ट्रेटी निकालने की धमकी दी। इधर, पुलिस का दावा है कि मेडिकल कराने पर खुद को नायब तहसीलदार बताने वाला शराब के नशे में था। पुलिस को तहसीलदार पर झूठा केस बनाता देख उसके भाई ने कलेक्टर अवनीश शरण को कॉल कर दिया। कलेक्टर ने टीआई से बात कराने की बात कही। उन्होंने बात भी कराई, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन बाद में उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया।एसपी ने इस मामले में एडिश्नल एसपी को जांच का निर्देश दिया है।इसी बीच विनय मिश्रा थाने पहुंचा। उसने अपने भाई को थाना लाने की बात को लेकर आरक्षकों को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने नायब तहसीलदार के भाई विनय मिश्रा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का जुर्म दर्ज कर लिया है।
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