आखिर माँ बाप करे तो क्या करें…? मोबाईल छीना तो 14 साल की छात्रा फांसी पर झूली, मौत…!
बिलासपुर The YWN News : बिलासपुर जिले के सरकंडा थाना क्षेत्र में मोबाइल की लत के कारण एक बालिका की मौत हो गई। रॉयल पैलेस के पास रहने वाली 14 वर्षीय एंजल जैसवानी जो कक्षा 9 की छात्रा थी ने मोबाइल छीनने से नाराज थीऔर। फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
सूत्रों के अनुसार, एंजल दिनभर मोबाइल में व्यस्त रहती थी। पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में ध्यान न देने पर जब परिजनों ने उसे समझाने की कोशिश की और अंत में मोबाइल ले लिया तो उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। रात को परिजनों ने उसे अपने कमरे में पंखे से लटका पाया और तत्काल अपोलो अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पूर्व में मस्तूरी के पांचवी कक्षा के छात्र ने भी मोबाइल छीनने पर की थी आत्महत्या बिलासपुर के मस्तूरी क्षेत्र में कुछ दिन पहले एक 11 वर्षीय छात्र ने भी मोबाइल के कारण आत्महत्या कर ली थी। छात्र पांचवी कक्षा में पढ़ता था और दिनभर मोबाइल पर गेम खेलने में व्यस्त रहता था। परिजनों ने बताया कि बच्चे को बार-बार मना किया गया, लेकिन जब उसने उनकी बात नहीं मानी तो गुस्से में मोबाइल छीन लिया। इस घटना से आहत छात्र ने अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली।
बिलासपुर जिले के बिल्हा क्षेत्र के ग्राम बोड़सरा में एक 13 वर्षीय छात्र ने मामूली बात पर गुस्से में आकर आत्महत्या कर ली। मृतक सुरेंद्र कुमार घृतलहरे, जो शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बोड़सरा में कक्षा छठवीं का छात्र था, ने घर के कमरे में छत के लोहे के पाइप से गमछे का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।
परिजनों के अनुसार, सुरेंद्र ईंटें तोड़कर धूल उड़ा रहा था, जिससे उसकी मां ने उसे डांटा। गुस्से में सुरेंद्र घर के अंदर गया और फांसी लगा ली। घटना की सूचना पर चकरभाठा पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
गुस्से में बच्चों के आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय
विशेषज्ञों का मानना है कि आज के बच्चे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होकर आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। समाज को ऐसे बच्चों के मनोविज्ञान को समझने की जरूरत है। बच्चों को गुस्से पर काबू पाने के तरीके सिखाने के लिए परिवार और शिक्षकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
पत्नी बेटे को स्कूल छोड़ने गई लौटी तो देखा पति फांसी पर झूल रहा था। लक्ष्मीनारायण नामक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना उस समय हुई जब उनकी पत्नी राजकुमारी बेटे को स्कूल छोड़ने गई थी। लौटने पर उन्होंने अपने पति को छज्जे की रॉड से लटका पाया।
पड़ोसियों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची सिविल लाइन पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आत्महत्या का कारण अज्ञात है। पुलिस जांच कर रही है।
परिवार और समाज को आत्महत्या रोकने में निभानी होगी भूमिका इस घटना ने पूरे मोहल्ले को सदमे में डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि परिवार और समाज को आत्महत्या के पीछे के कारणों को समझने और समय रहते सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। संवाद और समर्थन ही ऐसे मामलों को रोकने का उपाय हो सकते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
शिशु रोग विशेषज्ञों और मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, बच्चों में मोबाइल की लत तेजी से बढ़ती समस्या बन रही है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि छोटे बच्चों का दिनभर मोबाइल पर समय बिताना उनकी नींद, आंखों की सेहत और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है। लंबे समय तक इसका उपयोग बच्चों में मोटापा, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि मोबाइल का अत्यधिक उपयोग बच्चों को सामाजिक रूप से अलग-थलग कर सकता है। बच्चों में आक्रामकता, चिड़चिड़ापन और आत्मविश्वास की कमी जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं। माता-पिता को मोबाइल का उपयोग पूरी तरह रोकने के बजाय इसे सीमित करना चाहिए। बच्चों के लिए वैकल्पिक गतिविधियों, जैसे खेल-कूद और रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि बच्चों को 1-2 घंटे से अधिक मोबाइल न दिया जाए और उन्हें सकारात्मक संवाद के माध्यम से स्क्रीन समय के दुष्परिणाम समझाए जाएं। समय रहते जागरुकता न लाई गई तो यह समस्या भविष्य में और गंभीर रूप ले सकती है।
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