रायपुर/गरियाबंद। कोषालय में फर्जी बिल पेशकर नियम विरुद्ध तरीके से करोड़ों रुपए आहरण के मामले में पुलिस ने तीन जिलों के कोषालय अधिकारियों समेत 11 कर्मियों पर अपराध दर्ज किया है। मामला स्वास्थ्य विभाग से जुटा है। 60 कर्मियों के नाम से सरकारी खजाने से गलत तरीके से एरियर्स, इंक्रीमेंट व बोनस का फर्जी बिल तैयार कर 3 करोड़ 13 लाख रुपए से अधिक की रकम का गबन किया गया।
*दो साल बाद एफआईआर दर्ज*
रिपोर्ट आने के दो साल बाद एफआईआर दर्ज करने की गई है। मामला मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा है। यहां 2016-17 से 2019–20 के बीच 60 कर्मियों के नाम से सरकारी खजाने से 3 करोड़ 13 लाख 43 हजार 971 रुपए का गलत तरीके से आहरण कर बंदरबाट कर लिया गया। तत्कालीन बीएमओ केके नेगी ने तत्कालीन जिला कोषालय अधिकारियों के साथ मिलकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर में पदस्थ 60 कर्मियों के नाम से एरियर्स, इंक्रीमेंट, अतिरिक्त वेतन के नाम से बोगस फाइल तैयार कर इस पूरे आहरण को अंजाम दिया गया।
मैनपुर बीएमओ गजेंद्र ध्रुव की रिपोर्ट पर तत्कालीन बीएमओ केके नाग, वर्तमान में बेमेतरा में पदस्थ जिला कोषालय अधिकारी गुरुवेंद्र साव, महासमुंद में पदस्थ कोषालय अधिकारी डीपी वर्मा, बलौदा बाजार में पदस्थ वर्तमान कोषालय अधिकारी केके दुबे के अलावा लिपिक जीसी कुर्रे, संतोष कोमरा, भोजराज दीवान,वीरेंद्र भंडारी, वार्ड बॉय विनोद ध्रुव वाहन चालक लुकेश चतुर्वेदानी,भारत नंदे के खिलाफ मैनपुर थाने में धारा 409,420,467,471, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
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