The YWN News

The YWN News

जंगल बचाने में असफल रेंजर मनेंद्रगढ़ द्वारा ग्रामीणों से लकड़ियां जप्त करना महज औपचारिकता

Views: 909
Spread the love
Read Time:2 Minute, 56 Second

सांप निकलने के बाद लकड़ी पीटने जैसी वन विभाग की पी.ओ.आर. की कार्यवाही?

मनेंद्रगढ़। वनों के प्रति लापरवाही की सुर्खियों के बीच वन मंडल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत रेंज मनेंद्रगढ़ सहित कुंवारपुर रेंज में सरगुजा वन वृत के मुख्य वन संरक्षक विश्वनाथन मथेस की सख्ती के बाद वनों में व्याप्त भर्रासाही और जंगलों की अंधाधुंध कटाई पर इन दिनों लगातार जांच का सिलसिला जारी है। एक तरफ कुंवारपुर रेंज के मसर्रा बीट में सैकड़ों सरई पेड़ों की कटाई के मामले में जहां दोषियों को पदस्थ स्थान से पृथक कर विभागीय जांच व कार्यवाई सहित वन संपत्ति हरजाना की भरपाई की कार्रवाई प्रक्रिया में है। तो वहीं सी सी एफ की कार्यवाई से डरे सहमे रेंजर मनेंद्रगढ़ आज सुबह आनन फानन में मनेंद्रगढ़ क्षेत्र अंतर्गत रतौरा सर्किल के रोकड़ा बीट के बगल ग्राम में पहुंचे और एक ग्रामीण के यहां से जंगल से काटी गई लकड़ियों को जप्त किया और उस पर पी ओ आर की कार्यवाई की प्रक्रिया में लग गए। पर एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है की क्या वन विभाग के पास अब जंगल बचाने की बजाय कटे हुए जंगलों की संपत्ति पर पी ओ आर की कार्यवाई ही विकल्प बनकर रह गई है।और इसी कार्रवाई को दर्शाकर जंगल बचाने की नाकामयाबी पर पर्दा डालने का तरीका बन चुका है। जबकि प्राकृतिक वनों की छोटी सी भी केज्यूलिटी के लिए वन विभाग में वन संरक्षण नियमों का बड़ा सख्त खाका मौजूद है और जिसको विभाग द्वारा ही अमलीजामा नहीं पहनाया जाता और जिसके पीछे विभाग के अफसरों की आपसी मिलीभगत होती है और जिससे बार बार वह दोषी बच निकलते हैं जिनकी लापरवाही से वनों के विनाश की लगातार पुनरावृत्ति होती रहती है। अगर विभाग के ऊंचे पदों पर बैठे अफसर वन संरक्षण अधिनियम के अनुसार जिम्मेदारों पर कार्यवाई करते तो देश सहित राज्य और तमाम वन मंडलों में आज रोपण और प्राकृतिक वनों के विशाल जंगल होते पर दुर्भाग्यवस नियमों के पुलिंदे आज भी सिर्फ लाल कपड़ों में ही बंधे हैं।

देबाशीष गांगुली ( ब्यूरो प्रमुख सरगुजा संभाग )

The YWN News पोर्टल Digital भारत का सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है। सबसे सटिक और सबसे तेज समाचार का अपडेट्स पाने के लिए जुड़िए हमारे साथ.. 6262580560

You may have missed