
इस समस्या को लेकर नगर पालिका की नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह कई बार प्रशासन को पत्राचार कर चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुई। इस अनदेखी से नगरवासियों में भारी आक्रोश हैं।मुर्गी फार्म से बढ़ रहा बीमारी और संक्रमण का खतरा!
खुले में फेंका जा रहा कचरा:
मुर्गी फार्म से निकलने वाला कचरा, सड़े हुए अंडों के छिलके और मरे हुए मुर्गों के अवशेष खुले में फेंक दिए जाते हैं। इससे भयानक दुर्गंध फैलती है और कई प्रकार के संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है।आवारा कुत्ते और पक्षी इन सड़े-गले अवशेषों को उठाकर घरों, पानी की टंकियों और सार्वजनिक स्थलों पर गिरा देते हैं, जिससे नगर में गंभीर संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। हाल ही में इस मुर्गी हेचरी में स्वाइन फ्लू का संक्रमण फैला था, जिसके कारण हजारों मुर्गों को मारकर नष्ट करना पड़ा था। यदि यह संक्रमण हवा या पानी के माध्यम से इंसानों तक पहुंचा, तो पूरे नगर में महामारी फैल सकती है:दूषित हवा और गंदगी के कारण लोगों को दमा, एलर्जी और सांस संबंधी बीमारियां खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।धार्मिक स्थल, स्कूल और गार्डन भी प्रभावित यह मुर्गी फार्म एक प्रमुख धार्मिक स्थल, गुरुद्वारा, संस्कृत केंद्र और कई मंदिरों (शिव मंदिर, बजरंगबली मंदिर, मां दुर्गा मंदिर, श्री राम मंदिर, जगन्नाथ मंदिर) के पास स्थित है।जहां पर भारी संख्या में श्रद्धांजलि पूजा अर्चना करने रोज आते हैं श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यों के दौरान दुर्गंध और गंदगी झेलनी पड़ रही है।इंदिरा गार्डन, जहां लोग टहलने और स्वास्थ्य लाभ के लिए जाते हैं, वहां बदबू के कारण जाना मुश्किल हो गया है।स्कूलों और बच्चों के खेल मैदानों के आसपास गंदगी और वायु प्रदूषण से उनका स्वास्थ्य खतरे में है।
नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने कहा कि एनजीटी और पर्यावरणीय नियमों का खुला उल्लंघन भारत के राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत किसी भी धार्मिक, शैक्षणिक और आवासीय क्षेत्र के पास प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयां नहीं हो सकतीं।
नगर प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी खुलेआम इन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नगर की स्वच्छता और स्वास्थ्य पर गहरा संकट मंडरा रहा है।सरकारी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा, जिससे नागरिकों की जान खतरे में है
नगर पालिका की नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने इस गंभीर मुद्दे पर प्रशासन से मांग की है कि:
✅ मुर्गी फार्म को अविलंब अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए।
✅ फार्म से निकलने वाले अपशिष्ट निपटान की वैज्ञानिक और सुरक्षित व्यवस्था की जाए।
✅ धार्मिक स्थल, विद्यालय और स्वास्थ्यवर्धक स्थलों को प्रदूषण मुक्त रखा जाए।
✅ नगरवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, नगर प्रशासन त्वरित कार्रवाई करे।
प्रशासन नहीं जागा, तो होगा बड़ा आंदोलन!
नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने स्पष्ट कहा कि वह पूर्व में भी इस मुद्दे को लेकर कई बार प्रशासन को पत्राचार कर चुकी हैं, लेकिन हर बार इसे नजरअंदाज कर दिया गया। अब नगरवासियों का सब्र टूट रहा है। यह केवल स्वच्छता और पर्यावरण का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, धार्मिक आस्था और नगर के भविष्य का सवाल है। यदि प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो नगरवासी खुद सड़क पर उतरकर अपनी लड़ाई लड़ेंगे!” अब देखना यह होगा कि नगर प्रशासन इस गंभीर जनहित मुद्दे पर क्या संज्ञान लेता है, या फिर नगरवासी अपने जल, पर्यावरण और स्वास्थ्य के अधिकारों की लड़ाई खुद लड़ने के लिए मजबूर होंगे
Average Rating
More Stories
शासकीय चरनोई भूमि के आवंटन प्रकरण पर सनातनी हिंदू समाज ने अपने अधिवक्ता निखील शुक्ला के माध्यम से दर्ज की आपत्ति
बिलासपुर जिले में पुलिस विभाग में फेरबदल, SP ने जारी किए तबादला आदेश…
सूर्यवंशी समाज ने किया महिला सशक्तिकरण का सम्मान, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में शामिल हुई नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य अरुना चंद्रप्रकाश सूर्या