Rajim Kumbh Mela 2024 // Rajim Mela Video क्यों लगता है राजिम मेला..?
छत्तीसगढ़ का कुंभ माघ पूर्णिमा का राजिम का मेला
महानदी पूरे छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी नदी है और इसी के तट पर बसी है राजिम नगरी। राजधानी रायपुर से 45 किलोमीटर दूर सोंढूर, पैरी और महानदी के त्रिवेणी संगम-तट पर बसे इस छत्तीसगढ़ की इस नगरी को श्रद्धालु श्राद्ध, तर्पण, पर्व स्नान, दान आदि धार्मिक कार्यों के लिए उतना ही पवित्र मानते हैं जितना कि अयोध्या और बनारस को, मंदिरों की महानगरी राजिम की मान्यता है कि जगन्नाथपुरी की यात्रा तब तक संपूर्ण नहीं होती जब तक यात्री राजिम की यात्रा नहीं कर लेता।
राजिम का माघ पूर्णिमा का मेला संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है। छत्तीसगढ़ के लाखों श्रद्धालु इस मेले में जुटते हैं। माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक पंद्रह दिनों का मेला लगता है। इसे राजिम कुंभ मेला कहते हैं। महानदी, पैरी और सोढुर नदी के तट पर लगने वाले इस मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र संगम पर स्थित कुलेश्वर महादेव का मंदिर है।

राजिम में महानदी और पैरी नामक नदियों का संगम है। संगम स्थल पर ‘कुलेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का संबंध राजिम की भक्तिन माता से है। कहते हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य के राजिम क्षेत्र राजिम माता के त्याग की कथा प्रचलित है और भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को प्राप्त है। दोनों ही कारणों से राजिम मेला आयोजित होता है।
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