प्रदेश में पत्रकारों के खिलाफ झूठी शिकायत , प्रताड़ना, मारपीट जैसे मामलों पर प्रदेशाध्यक्ष ने जताई चिंता
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के अध्यक्ष एफ.के. फारूकी एवं जिला उपाध्यक्ष तपेश्वर चन्द्रा, जिला सचिव दुगेश साहू जिला कोषाध्यक्ष्य सरफराज अहमद, जिला कार्यकारिणी सदस्य रमा राठौर ब्लाक अध्यक्ष मरवाही दीपक गुप्ता के द्वारा पत्रकार साथी अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक साहू पत्रकार पर फर्जी एफ.आई.आर. रद्द करने हेतु मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम से जिला कलेक्टर प्रतिनिधी तहसीलदार पेण्ड्रारोड अविनास कुजूर को ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें सहा. प्राध्यापिका खुशबू राठौर और सहा. प्राध्यापक अभिषेक तिवारी दोनों के साथ-साथ प्रभारी प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर की सेवा समाप्ति की मांग की गई है।
मामला कोरबा जिले का है जहां अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक साहू ने कमला नेहरू महाविद्यालय की सहा. प्राध्यापिका खुशबू राठौर के विरुद्ध 30 मार्च 2022 को मान. मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा विभाग संचालनालय से शिकायत की थी जिस पर किसी प्रकार की कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं हुई थी इसी संबंध में प्राध्यापिका खुशबू राठौर के द्वारा रंजिशवश दीपक साहू के खिलाफ फर्जी एफ. आई.आर. दर्ज कराई गयी मामला न्यायालय में लंबित है।
इस मामले में दीपक साहू की पत्नी की शिकायत पर 26 जुलाई 2024 को कोरबा जिले के जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक में सुनवाई रखी गई थी सुनवाई के बाद जैसे ही दीपक साहू अपनी पत्नी के साथ सभागार से बाहर निकले वहीं सहा.प्राध्यापिका खुशबू राठौर अपने पिता दिलीप साव के साथ गाली-गलौच करते हुए दीपक साहू को शारीरिक चोट पहुँचाया। जब उनके द्वारा इसकी सूचना महिला आयोग को दी गई तो उन्होंने उक्त सहा. प्राध्यापिका और उसके पिता के खिलाफ तत्काल एफ.आई.आर. कराने का निर्देश दिया। सिविल लाईन थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराए जाने के बाद कानूनी कार्यवाई से बचने के लिए एक बार फिर खुशबू राठौर ने भी दीपक साहू और उनकी पत्नी के खिलाफ काउंटर रिपोर्ट दर्ज करा दिया।
पत्रकार दीपक साहू को अभिषेक तिवारी के द्वारा पुनः फंसाने की लगातार धमकी दी जाने लगी जिसकी शिकायत्त दीपक साहू ने सिटी कोतवाली में की जिस पर भी पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस पूरे प्रकरण में एक बात साफ साफ नज़र आती प्रतीत होती है कि पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही न करना शिकायतकर्ता के विरुद्ध काउंटर रिपोर्ट दर्ज करना, आयोग की बैठक स्थल के बाहर झगड़ा एवं मारपीट करना ये सभी योजनाएं पहले से ही खुशबू राठौर और उसके मित्र अभिषेक तिवारी के द्वारा तैयार कर ली गई थी।
जिससे यह भी प्रतीत होता है कि खुशबू राठौर और उसके मित्र अभिषेक तिवारी को किसी का संरक्षण प्राप्त है। जिसकी विवेचना करना अतिअनिवार्य है जिससे फर्जी मामलों में फंसाने जैसे कुकृत्य कारित व्यक्तियों पर सख्त कार्यवाही की जा सके।
The YWN News के लिए दिपक गुप्ता कि रिपोर्ट
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